बिरसा भूमि लाइव
- आवेदकों के समस्याओं के निवारण हेतु उपायुक्त ने अधीनस्थों को दिया निर्देश
गुमला : प्रति सप्ताह की भांति आज मंगलवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में साप्ताहिक जनता दरबार का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया। आज के जनता दरबार में 26 से अधिक आवेदकों ने अपनी समस्याओं के निवारण हेतु उपायुक्त को अपना आवेदन समर्पित किया। पालकोट निवासी उदित किशोरी ने अपने आवेदन के माध्यम से जमीन विवाद के मामले को उपायुक्त के समक्ष रखा। वहीं निर्वाचा। विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर ने अपने अन्य अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने हेतु उपायुक्त से अनुरोध किया।
गुमला निवासी पुस्पा देवी ने अपने जमीन जमीन के लिए L.P.C (भू धारण प्रमाण पत्र) निर्गत कराने हेतु उपायुक्त से सहायता की मांग की। कामडारा निवासी संतोषी कुमारी ने अपने आवेदन में बताया कि उन्होंने 2022 में आरक्षण कोटे से एएनएम की परीक्षा दी थी , परंतु विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा गलत एंट्री करने के कारण उनका अनारक्षण कोटि की सूची के बजाय अनारक्षित कोटि के सूची में नाम दर्ज है। वे परीक्षा में उत्तीर्ण होने का दावा करते हुए आरक्षित कोटि से उन्हे प्रतिनियुक्त करने हेतु उपायुक्त से आग्रह किया।
इसी के साथ जनता दरबार में घरेलू मामले, राशन पेंशन आदि से संबंधित आवेदन अधिक देखने को मिले । दूसरी ओर कुछ आवेदकों ने सरकार के विभिन्न योजनाओं के लाभ लेने के उद्देश्य से भी आवेदन समर्पित किया। जमीन विवाद एवं भू अर्जन के मामले ,मुआवजा राशि भुगतान, नौकरी की मांग आदि जैसे कई मामले भी देखने को मिले। डूमरटोली निवासी करण खोरवार ने अपने अनाथ होने के विषय में जानकारी देते हुए नौकरी की आवश्यकता से उपायुक्त को अपने आवेदन के माध्यम से अवगत करवाया। एक किसी पर पद पर नियुक्त करने का आग्रह किया।
बोंगालोया ग्राम निवासियों ने अपना आवेदन समर्पित कर उनके क्षेत्र के बालू माफियाओं के द्वारा ग्राम वासियों को परेशान करने एवं ग्राम के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम को बदनाम करते हुए धमकी दिए जाने की समस्या से उपायुक्त को अवगत करवाया। जिसे सुन कर उपायुक्त त्वरित कार्रवाई करने हेतु संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया ।
उपायुक्त ने सभी आवेदकों से एक एक कर मुलाकात की उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना। इस दौरान उपायुक्त ने कुछ मामलों के लिए अधिकारियों को तुरंत कॉल मिलाकर आवेदकों की समस्याओं का निवारण करने का निर्देश दिया तो वहीं गंभीर मामले पर अधिकारियों को अपने कार्यालय भी बुलाया । कुछ मामलों के निवारण हेतु पत्र संबंधित अधिकारियों को भेजते हुए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एवं जिन समस्याओं का निवारण प्रसाशनिक रूप से संभव नहीं, वैसे स्थिति में उपायुक्त ने आवेदकों को सही मार्ग दर्शन दिया।