साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, जानें सूतक काल की टाइमिंग व सावधानियां, दान-पुण्य करने का विशेष महत्व

प्रिंस वर्मा

  • ग्रहण लगने से पांच राशि वालों को होगा फायदा : छोटू पंडा

रामगढ़ : एक तरफ जहां शारदीय नवरात्रि के पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था वहां अब दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। यह आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस तरह से अक्टूबर का महीन त्योहारों के साथ ही ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है। पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा।

भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी : छोटू पंडा

छिन्नमस्तिका मन्दिर के पुजारी छोटू पंडा ने बताया कि 28 अक्टूबर को भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी। मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है। चंद्र ग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाए तो कुंडली के कई दोषों का असर कम हो सकता है। 28 अक्तूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य रहेगा।

छिन्नमस्तिका मन्दिर के पुजारी छोटू पंडा कि इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूतक काल को अशुभ माना जाता है। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है। वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। चंद्र ग्रहण को चंद्रमा के ग्रहण के रूप में जाना जाता है। 28 अक्टूबर को दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण दुनियाभर के कई हिस्सों में देखा गया,लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था। इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। भारत में ये ग्रहण दिखाई देगा। इस वजह से इसका सूतक रहेगा। सूतक के समय में मंदिर बंद रहते हैं और सभी तरह की पूजा-पाठ वर्जित रहती है।

पांच राशि वालों को होगा फायदा

छिन्नमस्तिका मन्दिर के पुजारी छोटू पंडा ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है तो इसका शुभ और अशुभ दोनों ही तरह का प्रभाव सभी राशि के जातकों के ऊपर पड़ता है। 28 अक्तूबर 2023 को लगने वाला साल का आखिरी चंद्रग्रहण वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु और मकर वालों के लिए फायदा दिलाने वाला साबित होगा। इन राशि वालों के रूके हुए काम जल्द पूरे होंगे। मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा. अचानक से धन लाभ हो सकता है। कार्यक्षेत्र में उपलब्धियों की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में प्रमोशन और वेतनवृद्धि के योग बनेंगे. जो लोग बिजनेस करते हैं उन्हें कोई अच्छी डील मिल सकती है। पैतृक संपत्ति से लाभ की संभावना भी है। कानूनी मामलों में इन राशि के जातकों की जीत होगी

ग्रहण का समय

ग्रहण प्रारम्भ :- मध्य रात्रि 01:05

ग्रहण मध्य :- मध्य रात्रि 01:44

ग्रहण समाप्त :- मध्य रात्रि 02:24

ग्रहण अवधि :- 01घण्टा 19 मिनट

चंद्र ग्रहण और सूतक काल में क्या न करें

1. चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ न करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श न करें।

2. सूतक काल लगने के बाद घर में भोजन न पकाएं। बल्कि सूतक काल से पहले घर में रखे खाने में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें।

3. चंद्र ग्रहण की अवधि में भोजन ग्रहण न करें। इस दौरान क्रोध न करें. इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव अगले 15 दिनों तक रह सकता है।

4. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए. इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं।

5. सूतक काल शुरू होने के बाद नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है।

6. चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद तुलसी के पौधे को न छुएं. नुकीले या धारदार उपकरणों के प्रयोग से भी बचें।

चंद्र ग्रहण में क्या करें ?

1. चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए, जो कि दस गुना फलदायी माना जाता है।

2. चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों का दान देना चाहिए।

3. चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है।

4. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

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