बिरसा भूमि लाइव
रांची: झारखण्ड में कृषि शुल्क प्रभावी किये जाने की मिल रही खबरों से व्यापार जगत के बीच उत्पन्न हुई असमंजसता की स्थिति को देखते हुए चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे से वार्ता कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने चैंबर अध्यक्ष को पुनः आश्वस्त किया कि बिना झारखण्ड चैंबर की सहमति के विधेयक की नियमावली नहीं बनाई जायेगी। व्यापारी इन खबरों से बिल्कुल भी विचलित न हों। सरकार व्यापारियों के हित में हरसंभव निर्णय लेने के लिए तत्पर है। विदित हो कि झारखण्ड में कृषि शुल्क प्रभावी करने के निर्णय के विरोध में झारखण्ड चैंबर के नेतृत्व में चार दिनों तक चले राज्यव्यापी खाद्यान्न व्यापार बंद के आंदोलन को कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव के आश्वासन पर स्थगित करने का निर्णय लिया गया था।
चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि व्यापारी बंधु तनिक भी विचलित नहीं हो, झारखण्ड चैंबर पूरी मजबूती के साथ अपनी बात पर अडिग है। रूल्स बनने से पहले हमारे विचार लिये जायेंगे। बिना नियमावली के कोई भी कानून लागू नहीं होता है। व्यापारियों की कहीं भी अनदेखी नहीं होगी। हमने सामूहिक प्रयास से पूर्व में भी कई आंदोलन में सफलता पाई है, व्यापारी धैर्य बनाये रखें, हम इस प्रयास में भी अवश्य सफल होंगे। हम इस विषय पर काफी गंभीर हैं, यदि कहीं भी हमारी अनदेखी की जायेगी तब हम पुनः बडा आंदोलन खडा करेंगे।
विदित हो कि कृषि मंत्री के रामगढ प्रवास के दौरान भी मंगलवार को झारखण्ड चैंबर के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री से मिलकर उनसे वार्ता कर, इन खबरों पर आपत्ति जताई। मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि अभी कोई नियम नहीं बना है। आप और हम मिलकर नियमावली बनायेंगे।