बिरसा भूमि लाइव
- खाद्य सामाग्रियों की खुदरा दुकानें, राइस मिल्स, फ्लॉवर मिल्स भी रहेंगे बंद
रांची : झारखण्ड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 के विरोध में 15 फरवरी 2023 से झारखण्ड में खाद्य वस्तुओं की आवक-जावक एवं कृषि संबंधी थोक व्यवसाय अनिश्चितकालीन के लिए बंद रहेंगी। झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर राइस मिल्स, फ्लॉवर मिल्स सहित अन्य खाद्य संबंधी मैुनफेक्चरर भी अपने प्लांट से सेल बंद रखेंगे। जनविरोधी कानून के विरोध में जारी इस आंदोलन में फल एवं सब्जी के थोक विक्रेता भी शामिल हैं।
अनिश्चितकालीन खाद्यान्न व्यापार की बंदी की पूर्व संध्या पर चैंबर भवन में प्रेस वार्ता में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से राज्य में खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता प्रभावित होगी जिससे निकट भविष्य में उपभोक्ताओं को कठिनाई भी अवश्य होगी। किंतु इस विधेयक के प्रभावी होने से राज्य में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मूल्यवृद्धि के साथ ही इंस्पेक्टर राज को प्रोत्साहन मिलने की प्रबल आशंका को देखते हुए तथा उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए यह निर्णय लेना हमारी विवशता है। ना चाहते हुए भी हम अपना व्यापार बंद करने के लिए विवश हैं जिस कारण हम आम जनता से माफी चाहते हैं। क्योंकि यदि हम अब नहीं चेते तो आनेवाले निकट भविष्य में राज्य में महंगाई बढ़ेगी और बेरोजगारी की पराकाष्ठा बढ़ जायेगी। जनहित से जुडे इस आंदोलन में आम जनता का सहयोग अपेक्षित है। राजभवन से कुछ शर्तों के साथ इस विधेयक को मंजूरी दी गई है किंतु कृषि मंत्री द्वारा अब तक हमसे वार्ता की पहल नहीं की गई है।
पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी ने कहा कि झारखण्ड कृषि प्रधान राज्य नहीं है। यह शुल्क झारखण्ड के उपभोक्ताओं को महंगाई से जूझने के लिए विवश करेगा। अभी भी समय है, सरकार चेते और इस कानून को निरस्त करने की घोषणा करे। चैंबर महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि विधेयक को वापस लेने के लिए हमने शांति तरीके से हर रास्ते को अपनाया किंतु हमें सफलता नहीं मिली। इस शुल्क के प्रभावी होने से खाने-पीने की चीजें तुरंत महंगी हो जायेंगी और इससे किसी को भी फायदा नहीं होनेवाला है। हम कभी नहीं चाहते थे कि व्यापार बंद करें किंतु इसके अलावा अब हमारे पास कोई विकल्प भी उपलब्ध नहीं है। सरकार को व्यापारियों की बात सुननी चाहिए क्योंकि इससे एक रिक्शा चालक भी परेशान होगा।
सह सचिव रोहित पोद्दार ने कहा कि यह सुविधा शुल्क है जिसपर बाजार समिति द्वारा कोई सुविधा दी ही नहीं जाती है। इससे सिर्फ उपभोक्ता प्रभावित होंगे क्योंकि व्यापारी इस टैक्स का भुगतान उपभोक्ता से वसूलकर ही करेंगे। विधेयक में अधिकारियों को संरक्षण दिया गया है, जिससे उनकी मनमानी बढेगी।
पंडरा बाजार की खाद्यान्न दुकानें रहेंगी बंद: संजय महुरी : रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि पंडरा बाजार और अपर बाजार में बुधवार से सभी खाद्यान्न दुकानें, वन उपज, आलू प्याज मंडी बंद रहेंगी। मंडी में गाडियों की अनलोडिंग भी बंद रहेगी। बंद के कारण निकट भविष्य में उपभोक्ताओं को होनेवाली परेशानी के लिए पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
डेली मार्केट और हरमू मार्केट की फल मंडी भी बंद : डेली मार्केट दुकानदार संघ के पदाधिकारी हाजी जावेद ने कहा कि एक अनावश्यक कानून थोपकर व्यापारी और किसानों को परेशान किया जा रहा है जिसका बहुत बुरा प्रभाव पडेगा और इसका भार आम जनता पर पडेगा। बुधवार से डेली मार्केट और हरमू मार्केट की फल मंडी बंद रहेंगी। उन्होंने झारखण्ड चैंबर के बंद का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार जनता के हित के लिए है, हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है। सरकार को इसपर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
प्रेस वार्ता में उपाध्यक्ष अमित शर्मा, शैलेष अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनिल केडिया, आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ, वनउपज व्यवसायी संघ के अलावा डेली मार्केट, हरमू मार्केट दुकानदार संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।