बिरसा भूमि लाइव
- संसद में शून्यकाल बहुत ही महत्वपूर्ण काल: सीपी सिंह
रांची: मिशन ब्लू फाउंडेशन के तत्वावधान में लोकसभा का एक प्रारूप “शून्यकाल: द जीरो ऑवर” कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने लोकसभा की कार्यवाही के गुर सीखे। रविवार को कांके रोड स्थित सीएमपीडीआइ के मयूरी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। लोकसभा के तर्ज पर पक्ष और विपक्ष की भूमिका छात्रों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, देश के विकास, जाति गणना, भ्रष्ट्राचार, नक्सलवाद समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर सवाल उठाये। साथ ही लोकसभा के तर्ज पर नयी शिक्षा बिल को सदन में पेश किया गया। बिल पर पक्ष और विपक्ष ने अपनी बातों को रखा।
इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विधायक सीपी सिंह ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में शून्यकाल बहुत ही महत्वपूर्ण काल होता है। इसका सदुपयोग अच्छे से होना चाहिए। लेकिन वर्तमान समय पर शून्यकाल के महत्व में गिरावट आ रही है। शून्यकाल की महत्ता बनी रही, इसका प्रयास होना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्रा ने छात्रों को लोकसभा में शून्यकाल के बारिकियों को बताते हुए कहा कि शून्यकाल में बहुत ही महत्वपूर्ण विषय ही रखे जाते हैं। ऐसे मामले को संसद में रखा जाता है, जिसपर तुंरत कार्रवाई हो। शून्यकाल में सवालों के जबाब नहीं दिये जाते हैं। साथ ही शून्यकाल में पूछे जाने वाले प्रश्नों की तैयारी भी करनी पड़ंती है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार उदय चौहान, विकास कुमार, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, कुमुद झा, रिंकू खेमका, भाजयुमो के किसलय तिवारी, भाजपा नेता रोमित नारायण सिंह, कांग्रेस नेता कुमार राजा समेत अन्य लोगों ने स्पीकर की भूमिका निभाते हुए छात्रों को कई अहम जानकारी दी। ज्यूरी के रूप में मैरी स्टेला माइकल उपस्थित थी।
मिशन ब्लू फाउंडेशन के निदेशक पंकज सोनी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंजीत सिंह, तेस्जवी, सौरव तिवारी, गौतमी प्रीति, अनिकेत आदि ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन तेस्जवी ने किया।
इस कार्यक्रम में झारखंड राय विश्वविद्यालय, साईनाथ विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय आदि के छात्र शामिल हुए। इन छात्रों में भामिनी प्रिया को पहला, आशुतोष रतन को दूसारा और आदर्श आदित्य को तीसरा पुरस्कार मिला।