बिरसा भूमि लाइव
रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बुधवार राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार द्वारा विधानसभा के मॉनसून सत्र में लाए गए झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक 2023 को राज्य के लिए काला कानून बताया।
उन्होंने कहा कि चोरी पकड़े जाने पर चोर ही शोर मचाने लगता है और शरीफ आदमी को ही पकड़वा देता है। ठीक यही हालत हेमंत सरकार की है। राज्य की जनता मजदूर, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, युवा, महिला सभी आज सड़क पर उतर कर मुख्यमंत्री से सवाल पूछ रहे। इनके वादों, लंबी चौड़ी घोषणाओं को याद करा रहे।नियोजन नीति, स्थानीय नीति पर जनता सवाल पूछ रही। खान, खनिज की लूट और आकंठ भ्रष्टाचार पर कटघरे में खड़ा कर रही ।ऐसे में ये सरकार तिलमिलाई हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीयत साफ नहीं है। इसलिए यह सरकार लगातार प्रतियोगिता परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड सिविल सेवा की परीक्षा में एक ही परीक्षा केंद्र से लगातार रॉल नंबर का उत्तीर्ण होने का मामला उजागर हो चुका है। इसी तरह जूनियर इंजीनियर की बहाली में पेपर आउट करने का आरोप संस्था पर लगा। कहा कि प्रारंभ में राज्य सरकार ने इस भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की भरपूर कोशिश की लेकिन प्रबल विरोध के कारण बाद में गलती स्वीकार भी की। दबाव में कुछ नाम भी हटाए लेकिन आज तक उस परीक्षा के ओएमआर शीट जारी नही हुए।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रावधान देश द्रोह, पोक्सो, एसटी, एससी अत्याचार निवारण जैसे कानून से भी ज्यादा ताकतवर हैं जिसमे सवाल खड़ा करने वाले अभ्यर्थियों पर 10 साल का प्रतिबंध, बिना प्रारंभिक जांच के एफआईआर दर्ज करने, बिना जांच गिरफ्तार करने किसी भवन में घुसकर तलाशी लेने का सख्त प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि यह छात्रों को जेल भेजने के लिए लाया गया काला कानून है। जो जनता की आवाज को दबाने केलिए और भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा नौकरियों को बेचने केलिए लाया गया है। ताकि कोई विरोध नहीं करे। उन्होंने कहा कि भाजपा इस विधेयक का सड़क से सदन तक पुरजोर विरोध करेगी।