सोने की कीमतों में हाल में आई तेज गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। लंबे समय से रिकॉर्ड स्तर पर चल रही इस धातु की दरें अब चोटी से लगभग ₹13,000 तक नीचे आ चुकी हैं।
इस बदलाव के पीछे मुख्य कारणों में शामिल हैं — लाभ बुकिंग, वैश्विक ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी और निवेशकों की उस नजर से प्रतीक्षा कि Federal Reserve इस सप्ताह क्या निर्णय लेती है।
विश्लेषकों का कहना है कि सोने का आकर्षण सुरक्षित-हैवेन के रूप में कम हो रहा है क्योंकि अमेरिकी डॉलर में ताकत दिख रही है और निवेशक जोखिम भरे एसेट्स की ओर फिर लौटने लगे हैं। फिर भी, यह कमाना जरूरी है कि सोना पूरी तरह से गिरावट में नहीं है — बल्कि यह एक समय-समय पर सुधार के अवसर के रूप में देखा जा सकता है।
अगर आप अभी सोना खरीदने पर विचार कर रहे हैं, तो यह ध्यान दें:
-
गिरावट को अवसर माना जा सकता है, लेकिन जल्दबाजी में निर्णय लेने से पहले वैश्विक आर्थिक संकेत-चिन्ह और मौद्रिक नीति की दिशा पर नज़र रखें।
-
अपनी निवेश रणनीति में सोने को संतुलित रूप से शामिल करना बेहतर है — सिर्फ एक एसेट में पूरी राशि लगाने की बजाय विविधता रखें।
-
भारतीय बाजार में सोने की कीमतें आयात, रुपये-डॉलर विनिमय दर, स्थानीय मांग-आपूर्ति और शुद्धता-मूल्य निर्धारण जैसे तत्वों से सहज प्रभावित होती हैं।


