राहुल कुमार
चैनपुर (गुमला) : चैनपुर के छतरपुर गांव की बेटी दिव्यांग असुंता टोप्पो ने पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता भारत-नेपाल में अच्छा प्रदर्शन दिखाते हुए गोल्ड मेडल जितने के बाद शनिवार को गांव पहुची जहां पर ग्रामीणों और प्रखंड वासियों ने उनका जमकर स्वागत किया। गांव आने पर ग्रामीणों तथा क्षेत्रवासियों ने असुंता टोप्पो का जोरदार स्वागत ढोल नगाड़ों तथा फूल मालाओं व आदिवासी पारंपरिक नृत्य से किया।
मौके पर अनुमंडल दंडाधिकारी सुनील कुमार खाखा व अंचलाधिकारी गौतम कुमार ने असुंता टोप्पो का मनोबल बढ़ाते हुए बुके नगद राशि व पुरस्कार देकर सम्मानित किया। और आने वाले भविष्य के लिए सुभकामनाए दी। अंचलाधिकारी गौतम कुमार ने कहा कि चैनपुर के बेटी असुंता टोप्पो ने अपने मेहनत और जुनून से जो सफलता हासिल की है वह काबिले तारीफ है। इन्होंने काफी संघर्ष करते हुए पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई की।
क्षेत्र के खिलाड़ी कर रहे देश में नाम रोशन : सुशील दीपक मिंज : वहीं पंचायत के सुशील दीपक मिंज ने कहा कि चैनपुर की दिव्यांग बेटी असुंता टोप्पो ने नेपाल में आयोजित तीन दिनी भारत-नेपाल पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलवाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि असुंता टोप्पो बचपन से ही काफी संघर्षशील रही है। बचपन में ही सर से माता पिता का साया उठ गया जिसके के बाद भी उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। विकलांग पेंशन से ही पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई की बचपन से ही खेल में रुचि होने के कारण खेल जगत में अपनी पहचान बनाई। अपनी लगन व मेहनत से पूरे राज्य का नाम रोशन किया।
उन्होंने आगे कहा कि गांवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है यदि कमी है तो सुविधाओं की है। हमारे क्षेत्र से कई खिलाड़ी बाहर निकल कर बेहतर प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन कर रहे हैं मगर चैनपुर मैं खिलाड़ियों को सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा है। यहां ग्रामीणों के लिए एक खेल स्टेडियम तक नहीं है। क्षेत्र में खेल सुविधाओं के अभाव में लुप्त होने के कगार पर है। जल्द ही इस विषय पर बड़ी आवाज उठाई जायेगी।