झारखंड के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में आयोजित हो रहे उपचुनाव में इस बार बदलाव साफ नजर आ रहा है। कुल 13 प्रत्याशियों की सूची में 9 ऐसे उम्मीदवार हैं जो पहली बार चुनावी रणभूमि में उतर रहे हैं — यानी करीब 70 % नए चेहरे मतदाता के सामने हैं।
ये नए उम्मीदवार स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहे हैं, विकास-विकल्प, सामाजिक कार्य या जनसंपर्क के माध्यम से पहचान बना रहे हैं और अब राजनीतिक पारी में भाग ले रहे हैं।
मुख्य मुकाबला चल रहा है इस तरह: सत्तारूढ़ Jharkhand Mukti Morcha (झामुमो) के प्रत्याशी Somesh Chandra Soren और Bharatiya Janata Party के प्रत्याशी Babulal Soren के बीच। झामुमो दिवंगत नेता Ramdas Soren की राजनीतिक विरासत को सामने रखकर चुनाव लड़ रहा है, जबकि भाजपा संगठन और केंद्र-सरकार की नीतियों का आधार बनाकर मैदान में उतरी है।
इसके अतिरिक्त, Jharkhand Democratic Revolutionary Front (जेएलआरएफ) ने भी उम्मीदवार उतारकर इस उपचुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। अन्य क्षेत्रीय दल एवं निर्दलीय प्रत्याशी भी इस प्रक्रिया में हिस्सेदार हैं, जिससे वोट बैंक बँटने की संभावना अधिक बढ़ गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में नए उम्मीदवारों के शामिल होने से मत का विभाजन अधिक होगा और पुरानी राजनीतिक तस्वीर बदलने की संभावना बढ़ रही है। इस बार चुनावी परिणाम तय होंगे इस बात पर कि जनता पुरानी पार्टियों एवं नेताओं पर भरोसा बनाए रखेगी या नए विकल्प के पक्ष में जाएगी।


