बिरसा भूमि लाइव
रांची : पुरे राज्य से जूटे हजारों प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान से जूलूस निकालकर विधानसभा तक मार्च किया और मुख्यमंत्री के नाम 20 सूत्री मांग-पत्र विधानसभा के धरना स्थल पर मौजूद ऑन ड्यूटी दण्डाधिकारी को सौंपा। मांग-पत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि केंद्र और राज्य सरकार की जनहित की सभी ऑनलाइन योजना का कार्यान्वयन प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से होता है। आज के डिजिटल युग मे प्रज्ञा केंद्रों का महत्व और उसकी उपयोगिता से कोई इंकार नहीं कर सकता लेकिन वहां काम करने वाले दक्ष वीएलई का निर्मम शोषण होता है। वे सभी तरह के ऑनलाइन प्रमाण-पत्र बनाने का काम करते हैं।
लेकिन उनके काम की कोई नियमावली नहीं रहने, तय मानदेय का भूगतान नहीं होने और सीएससी की लगातार दखलअंदाजी से वीएलई की स्थिति दयनीय होती जा रही है। एक ओर प्रज्ञा केंद्र राज्य और केन्द्र सरकार के सरकारी और गैर सरकारी कामों को अंजाम देते हैं दुसरी ओर उनके काम का सही मूल्यांकन नहीं होता है जिससे उनके जीविका के समक्ष संकट पैदा हो गया है। इसलिए हम विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री से हमारे मामले मे हस्तक्षेप किए जाने की मांग करते हुए विधानसभा पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान विधानसभा सदस्य बिनोद सिंह भी धरना स्थल पर पहुंचे और प्रज्ञा केंद्र कर्मियों की मांगों को विधानसभा में उठाए जाने का आश्वासन दिया। प्रर्दशन में 23 जिलो की भागीदारी हुई। कार्यक्रम में ऑल इंडिया वीएलई एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकांत सिंह (उत्तर प्रदेश) उपस्थित थे। कार्यक्रम का नेतृत्व यूनियन के अध्यक्ष रामरेख यादव, महासचिव रितेश महलका, संरक्षक सुभाष चंद्र मुर्मू ने किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह, उपाध्यक्ष प्रकाश विप्लव, अनिर्वाण बोस और प्रतीक मिश्रा ने संबोधित किया।