बिरसा भूमि लाइव
रांची : बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी, रामेश्वर, विनय सिंह व अन्य के यहां दबिश दी है। यह टीमें झारखंड की राजधानी रांची के अलावा देवघर, धनबाद, दुमका गोड्डा समेत 32 ठिकानों पर कागजात खंगाल रही हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई रांची में सात जगह चल रही है। देवघर में जमीन घोटाले के सिलसिले में और शराब घोटाले में रांची और दुमका में योगेंद्र तिवारी के सहयोगियों के ठिकाने पर छापा मारा गया है। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के शराब काकस के साथ मिलकर झारखंड के उत्पाद विभाग ने राज्य के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई है।
झारखंड के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे के यहां ईडी का छापा : ईडी ने राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव और नेक्सजेन के विनय सिंह के यहां भी छापा मारा है। राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के आवास के बाहर जवानों को तैनात किया गया है। झारखंड के प्रमुख शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर सुबह साढ़े आठ बजे से यह कार्रवाई चल रही है। योगेंद्र तिवारी के रांची के हरमू हाउसिंग के पटेल चौक स्थित आवास, दुमका के गिलानपाड़ा चौक स्थित कार्यालय, टाटा शोरूम चौक पर स्थित तनिष्क शोरूम, खिजुरिया में तिवारी ऑटोमोबाइल, कुम्हार पाड़ा में में सहयोगी पप्पू शर्मा और अनिल सिंह के घरों पर कागजात खंगाले जा रहे हैं।
झारखंड में नई शराब नीति के सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी हैं। कथित रूप से वह ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के सरगना बताए जा रहे हैं। आरोप है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ राज्य की सहमति के बिना उन्हें सलाहकार बनाया गया। नियमानुसार झारखंड में सलाहकार बनने के लिए मूल विभाग व छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेनी जरूरी होती है। त्रिपाठी पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है। इसके अलावा तीन कंपनियों का छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में नाम उछला है।