बिरसा भूमि लाइव
रांची: कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में सीएमपीडीआई द्वारा शिलांग, मेघालय में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में कोयला की खोज की गति को बढ़ावा देने के लिए संसाधन आकलन के लिए ‘क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर कार्यशाला का आयोजन किया। इस क्षेत्र के सतत विकास के लिए एनईआर की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने हेतु एनईआर में कोयला गवेषण की गति बढ़ाने, माइन प्रोजेक्शन और कोयले के व्यवस्थित उत्पादन के हेतु संभावित क्षेत्र की पहचान करने के लिए संसाधन आकलन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उद्घाटन सत्र में सीएमपीडीआई ने एक प्रस्तुति के माध्यम से राज्य-वार कोयला धारक क्षेत्रों, गवेषण की स्थिति, पूर्व में सीएमपीडीआई और कोयला मंत्रालय द्वारा एनईआर में गवेषण को बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों, एनईआर के लिए गवेषण हेतु अब तक की उपलब्धियों और रिजनल और डिटेल्ड कोल एक्सप्लोरेशन के लिए उपलब्ध अनुमानित निधि से अवगत कराया गया।
‘एनईआर के कोयला क्षेत्र और कोयला संसाधन’, ‘एनईआर में कोयला गवेषण और चुनौतियां‘ एवं ‘कोयला संसाधन अनुमान’ पर संबंधित राज्य सरकारों, भूविज्ञान और खान निदेशालय के साथ राज्यवार चर्चा हुई। विभागीय संसाधनों या आउटसोर्सिंग के माध्यम से गवेषण करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है।
कोयला मंत्रालय] भारत सरकार के परियोजना सलाहकार श्री आनंदजी प्रसाद, मेघालय सरकार के खान एवं भूविज्ञान सचिव श्री ई0 खरमाल्की (भा0प्र0से0) ने कार्यशाला को सम्बोधित किया। सीएमपीडीआई के महाप्रबंधक (गवेषण) श्री अर्जुन हेम्ब्रम ने आगत अतिथि एवं प्रतिभागियों को स्वागत किया और मुख्य प्रबंधक (भूविज्ञान) श्री राजीवा कुमार सिंह ने एनईआर में कोयला धारक क्षेत्र, गवेषण स्थिति एवं कोयला संसाधन और मॉडल टेंडर दस्तावेज पर एक प्रस्तुति दी।
2023-24 और उसके बाद से कोयला मंत्रालय की सेंट्रल सेक्टर स्कीम (सीएसएस) निधि से उचित उपयोग और कोयला की खोज शुरू करने के लिए राज्य-वार एक रोडमैप तैयार किया गया है। यह कार्यशाला एनईआर में कोयला गवेषण की गति को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस कार्यशाला में अरूणाचल प्रदेश के भूविज्ञान एवं खान मंत्रालय के निदेशक तस्सर तलार, मेघालय सरकार के निदेशक (खनिज संसाधन) डेविड डी संगमा, असम खान महानिदेशालय के उप निदेशक बरनाली नाथ, सीएमपीडीआई के वरीय प्रबंधक (भूविज्ञान) डॉ आरपी सिंह, प्रबंधक (भूविज्ञान) पंकज साहु, एमईसीएल के महाप्रबंधक (गवेषण) एम भास्करण, एनईआर के असम, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम एवं नागालैंड जैसे 5 राज्य सरकारों के प्रतिष्ठित भू-वैज्ञानिक, खान महानिदेशालय, गवेषण एजेंसियां एवं मेघालय के कोयला खदान मालिकों ने हिस्सा लिया।