बिरसा भूमि लाइव
आचार्य प्रसन्न सागर महाराज ने स्थानीय लोगों को दिया धर्म के मर्म का ज्ञान
रांची: जीव दया का भाव हमारे चित्र में सदैव प्रचलित रहे, इसके लिए हमें जीव दया की कड़ी की शुरुआत जल जंगल और जमीन के संरक्षण से करनी पड़ेगी। जल जंगल और जमीन की रक्षा आदिवासी समुदाय का पहला सूत्र है और इस सूत्र के पीछे भी धर्म का मर्म छुपा हुआ है। हम जैन समुदाय के लोग वृक्ष को काटना फूलों को तोड़ना जीव हत्या की श्रेणी में रखते हैं और आदिवासी समुदाय के लिए भी यही मूल सूत्र काम करता है। यह बातें भगवान महावीर आई केयर हॉस्पिटल में अंतर मना 108 श्री प्रसन्न सागर महाराज ने स्थानीय लोगों को धर्मों को देश के दौरान कहीं। अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज ने कहा कि जैन धर्म में किसी भी जीव के प्रति हिंसा का भाव आना निषिद्ध है। और साधु जीवन में अपरिग्रह की भावनाओं के मूल सूत्र का होना अति आवश्यक है।
आदिवासी ग्रामीणों ने गुरु का किया स्वागत : भगवान महावीर मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल परिसर स्थित महावीर भवन में भारी संख्या में पतरातु, रातु, ठाकुर गांव, ओरमांझी, रामगढ़, भरकुंडा, बुंडू क्षेत्र के आदिवासी महिलाएं पुरुष और बच्चे महाराज जी के संघ के स्वागत के लिए आए और उन्होंने लोक नृत्य एवं पारंपरिक तरीके से संघ का स्वागत किया। उन्होंने प्रकृति के स्वरूप धारण करने वाले तपस्वी मुनियों की वंदना की।
प्रसन्न सागर महाराज ससंघ का रांची में रविवार को मंगल प्रवेश : जैन संत अंतर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ का पारसनाथ श्री सम्मेद शिखरजी से पदयात्रा करते हुए 5 मार्च 2023 को रांची आगमन हो रहा है। अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज सिँहनिस्किड़ित व्रत की 557 दिन की अखण्ड मौनव्रत की साधना सम्मेद शिखर मधुबन पर करते हुवे झारखण्ड राज्य की राजधानी मे प्रथम बार पधार रहे है। आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज अपने संघ सहित रविवार को प्रातः 6:00 बजे बजे मेडिका अस्पताल से रातू रोड स्थित 1008 भगवान वासुपूज्य जीके मंदिर की ओर बिहार करेंगे। रातू रोड स्थित जैन मंदिर परिसर में श्री जी के अभिषेक को पूजा के उपरांत आचार्य श्री का मंगल प्रवचन होगा। अगले चार दिनों तक नगर वासियों को संतों का सानिध्य मिलेगा।