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Wednesday, March 22, 2023

बाल विवाह बच्चियों के जीवन के लिए एक अभिशाप, मिलकर कुप्रथा को हटाना होगा: सुशांत गौरव

बिरसा भूमि लाइव

गुमला: बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रति जागरूकता तथा मानव तस्करी एवं पलायन पर रोक हेतु जिला समाज कल्याण विभाग एवं आली फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नगर भवन में सोमवार को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप उपस्थित उपायुक्त सुशांत गौरव ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि जहां एक तरफ आगामी 14 मार्च से पूरे झारखंड में इंटर एवं मैट्रिक की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा वहीं बड़ी संख्या में ऐसी बच्चियां भी हैं जिन्हे बाल विवाह एवं बाल तस्करी जैसे अभिशाप से जूझना पड़ रहा है। जहां एक तरफ बच्चें परीक्षा की तैयारी कर रहें हैं वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चियां अपने सपनो का गला घोट रहीं होंगी।

बाल विवाह बच्चियों के जीवन के लिए एक अभिशाप है जिसे बच्चियों को जीवन भर झेलनी पड़ती है। समाज में कनून के होने के बावजूद भी इस कुरीति को अंजाम दिया जा रहा है जिसका एक मात्र कारण ये है कि समाज के लोग इस कुरीति को मिल कर अंजाम देना चाहते है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को जड़ से खत्म करने का एक मात्र तरीका है हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना होगा एवं सभी को जागरूक होना होगा। इस कुरीति के खिलाफ डट कर खड़े होना ही बाल विवाह के रोकथाम में सहायक होगा।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस कर्मियों, सीडीपीओ, सहायिकाओं आदि से कहा कि बाल विवाह से रोकथाम हेतु अपने लोकल टीम को दुरुस्त करें एवं जन जन तक जागरूकता फैलाएं। उपायुक्त ने बताया कि पिछले वर्ष जिले में डायन प्रथा के खिलाफ इसी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था 1 वर्ष में डायन प्रथा के खिलाफ जिले में कई पहल किए गए एवं अब पूरी तरह से डायन प्रथा के केसेस देखने को मिल रहें है। इसी प्रकार बाल विवाह, बाल तस्करी के खिलाफ भी एक जंग छिड़ते हुए जिले भर में इस कुरीति को भी खत्म किया जाए।

कार्यक्रम में उपस्थित उप विकास आयुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह से कई समस्या से समाज को गुजरना पड़ रहा है, बाल विवाह के कारण अधिकतर बच्चियां अशिक्षित रह जाती है, वहीं बच्चियों के कम उम्र में गर्भधारण करने से कई स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है, कई बच्चियों के कम आयु में गर्भधारण करने के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा जन्मे हुए बच्चें कुपोषण का भी शिकार बनते है । इन सभी कारणों को यदि देखा जाए तो बाल विवाह एक अभिशाप है जिससे बचने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। बाल विवाह से पूर्व ही यदि घटना की जानकारी मिल जाए तो ज्यादा बेहतर है।

जिला परिषद अध्यक्ष किरण बाला ने बताया कि मानव तस्करी एवं पालन ये एक दूसरे से जुड़ी हुई कड़ी है। शिक्षा के अभाव एवं आर्थिक स्थिति के खराब होने के कारण इस प्रकार के कुरीति देखने को मिल रही है। जिसे रोकना बेहद आवश्यक है।

इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, आली फाउंडेशन की कार्यकर्ता ने भी मंच को संबोधित करते हुए उक्त विषयों पर संक्षिप्त जानकारी दी। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित करते हुए किया गया।

इस दौरान 5 मार्च को मानसिक विकार एवं मिर्गी के रोगियों के लिए लगाए गए शिविर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सहायिकाओं को उपायुक्त के हाथों प्रशस्ति पत्र देते हुए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उक्त पदाधिकारियों के अलावा एसडीओ सदर, सहायिका, सीडीपीओ, पुलिस कर्मियों सहित अन्य उपस्थित थे।

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