बिरसा भूमि लाइव
रांची: रांची महाधर्मप्रांत में आयोजित सीडीपीई (कॉन्फ्रेंस ऑफ डायोसिसन प्रीस्ट्स ऑफ इंडिया) में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे वाटिकन रोम के भारत व नेपाल के राजदूत कार्डिनल लियोपोलडो गिरेली को संत अल्बर्टस कॉलेज में भव्य स्वागत व सम्मान दिया गया। सम्मेलन शुरू होने के पूर्व उन्होंने संत अल्बर्ट्स कॉलेज के स्टाफ तथा विद्यार्थियों के साथ अनौपचारिक भेंट मुलाकात किया।
मौके पर उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मानव मूल्यों, बौद्धिक विकास, सांस्कृतिक उत्थान तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए समर्पित होना चाहिए। हर विद्यार्थी को अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। येसु ख्रीस्त को नजदीक से जानने तथा उसके द्वारा सिखाई गई शिक्षा, प्रेम, सेवा, दया तथा ईश्वरीय अनुभूति को भलीभांति जाने और उन्हें दूसरों के साथ बाटें।
उन्होंने संत पापा फ्रांसिस द्वारा दिए गए संदेश का जिक्र करते हुए कहा कि प्रेम, सद्भावना तथा क्षमा भाव अपनाते हुए परोपकारी कार्य करें तथा दूसरों के जख्मों को भरें। प्रशिक्षण के दौरान निस्वार्थ सेवा भाव को अपनाते हुए ज्ञान, समर्पण तथा अनुशासन के पथ पर आगे बढ़े।
शिक्षण कार्य बहुत ही चुनौती भरा: विनय कंडुलना : कॉलेज के वाइस चांसलर व खूंटी धर्मप्रान्त के बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि आज के दौर में शिक्षण कार्य बहुत ही चुनौती भरा है। समय के साथ-साथ विद्यार्थियों की मानसिकता भी बदल रही है। संस्था के प्रमुख रेक्टर फादर अजय कुमार खलखो के स्वागत अभिभाषण के साथ मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ तथा शॉल ओढाकर उन्हें सम्मान दिया गया। इस अवसर पर रांची महाधर्मप्रांत के सहायक बिशप थियोडोर मस्करन्स ने भी आर्चबिशोप फेलिक्स टोप्पो तथा स्थानीय कलीसिया की ओर से अतिथि का स्वागत व सम्मान दिया। मंच का सफल संचालन ब्रदर पीटर टोप्पो ने किया। ब्रदर अविनाश टूटी के आभार प्रदर्शन से यह भेंट मुलाकात कार्यक्रम समाप्त हुआ।