मणिपुर पर ब्लेम गेम की बचाय गंभीर और संवेदनशील बने भाजपा : बंधु तिर्की

बिरसा भूमि लाइव

राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग

रांची : झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि मणिपुर में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की फेहरिस्त काफी ज्यादा लंबी है और इसपर पर्दा डालने की कोई भी कोशिश ना केवल देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता बल्कि, आपसी प्रेम, सौहार्द और भाईचारा पर भी घातक साबित होगा। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के साथ ही विशेष रूप से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में गंभीर और संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिये और मणिपुर में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू कर वहां की सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिये।

श्री तिर्की ने कहा कि मणिपुर में गृह युद्ध जैसी परिस्थिति लम्बे समय तैयार हो गई है और बदले दौड़ में जिस प्रकार से महिला उत्पीड़न की घटना सामने आयी है वह ना केवल चौंकाने वाली है बल्कि इस बात की आशंका उत्पन्न करती है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त बहुत ज्यादा है और केवल एक घटना ही सामने आयी है।

श्री तिर्की ने कहा कि पूरे देश में चाहे जिस भी प्रदेश या केन्द्र शासित प्रदेश में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें घटित हो, पर उसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम ही है क्योंकि ऐसी घटनायें, केवल अपराधी तत्वों का नहीं बल्कि पूरे देश में प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति को शर्मिंदा करती है।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनायें, विशेष रूप से सरकार एवं प्रशासन के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने की बात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा को यह जानना चाहिये कि ऐसी घटनायें घटने पर उसका दूसरे राज्यों में घट रही तथाकथित रूप से उसी प्रकार की घटनाओं के तुलना कर मणिपुर के प्रभाव को कम करने की कोशिश नहीं करनी चाहिये अन्यथा इसका फायदा उन अपराधियों और अवांछित तत्वों को मिलेगा जो समाज और देश के दुश्मन हैं।

श्री तिर्की ने कहा कि देश में मानसिकता बदलने की बहुत अधिक जरूरत है और इसके लिये सख्त कदम उठाना होगा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मांग किया कि मणिपुर और इस प्रकार की किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के जिम्मेदार अपराधियों के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिये ताकि वैसे तत्वों पर अंकुश लगे।

उन्होंने मांग किया कि केंद्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्य सरकारें महिला सुरक्षा पर गंभीरता पूर्वक विचार करें और हर हाल में आउट ऑफ़ बॉक्स जाकर भी समाधान ढूंढे। साथ ही इसके लिए आवश्यकता हो तो नए सिरे से महिला पुलिस के गठन के साथ साथ महिलाओं को हथियार भी मुहैया कराया जाना चाहिये।

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