बिरसा भूमि लाइव
- कुलपति ने लगातार दो पेटेंट मिलने की उपलब्धि को एतेहासिक उपलब्धि बताया
- बीएयू बिरसोल के नाम से दवा बाजार में उपलब्ध होगा
रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) को दूसरी बार हर्बल फार्मूलेशन आविष्कार को पेटेंट हासिल करने में बड़ी सफलता मिली है। बीएयू के वानिकी संकाय अधीन कार्यरत वनोत्पाद तथा उपयोगिता विभाग के अध्यक्ष एवं वनौषधि वैज्ञानिक डॉ कौशल कुमार द्वारा विकसित हर्बल फार्मूलेशन को बौद्धिक संपदा कार्यालय, भारत सरकार द्वारा 16 फरवरी को निर्गत पेटेंट प्रमाण- पत्र प्राप्त हुआ है।
पत्र के मुताबिक भारतीय बौद्धिक संपदा कार्यालय ने डॉ कौशल कुमार के यथाप्रकटित “ ए नोवेल सिनर्जीस्टिक टोपिकल एप्लीकेशंस फार्मूलेशन फॉर जॉइंट पैंस, इनफ्लैमेशन, स्किन केयर एंड दी प्रोसेस ऑफ़ प्रीपेयरिंग दी सेम” नामक आविष्कार को पेटेंट अनुदत्त किया है। पेटेंट में नोवेल फार्मूलेशन के आधार पर पेटेंट की स्वीकृति मिली है। इसे पेटेंट अधिनियम, 1970 की धारा 12 व 13 तथा उस आधार पर बने नियमों के तहत उपयुक्त पेटेंट आवेदन का परीक्षण एवं 18 जनवरी, 2023 को हुई सुनवाई के उपरांत पेटेंट को अनुदत्त करते हुए पेटेंट अनुदत्त की प्रविष्टि पेटेंट रजिस्टर में कर दी गयी है।
डॉ कौशल कुमार के मुताबिक यह हर्बल फार्मूलेशन बाह्य रूप से जोड़ो के सूजन तथा दर्द निवारण के साथ त्वचा के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है। इसे बाजार में उपलब्ध सामान्य जोड़ो की दवा की अपेक्षा काफी लाभदायक पाया गया है। इस हर्बल फार्मूलेशन से बाम, लोशन, स्प्रे एवं क्रीम आदि उत्पाद तैयार की जा सकती है।
इसे विश्वविद्यालय के द्वारा “बीएयू बिरसोल” के नाम से दवा बाजार में उपलब्ध कराया जायेगा। वर्ष 2021 में भी चराई गोढवा वृक्ष से तैयार की गई हर्बल फार्मूलेशन “बीएयू बिरसिन” को पेटेंट की स्वीकृति मिली थी। विश्वविद्यालय दोनों हर्बल फार्मूलेशन के तकनीकी हंस्तान्तरण की नीति तैयार कर रही है।
कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह से भेंट कर डॉ कुमार ने इस बड़ी सफलता की विस्तृत जानकारी दी और उनके कुशल नेतृत्व एवं सफल मार्गदर्शन के प्रति आभार जताया। कुलपति ने डॉ कुमार के हर्बल फार्मूलेशन आविष्कार को पेटेंट की स्वीकृति मिलने पर बधाई दी और ख़ुशी जताया। कुलपति ने पिछले दो वर्षो में लगातार दूसरी बार हर्बल फार्मूलेशन आविष्कार को पेटेंट की स्वीकृति प्राप्त होने को विश्वविद्यालय के लिए एतेहासिक उपलब्धि बताया। इस उपलब्धि से बीएयू को एक नई पहचान मिलने और रैंकिंग सुधार में उपयोगी साबित होने की बात कही।
कुलपति ने कहा कि यह उपलब्धि दर्शाता है कि विश्वविद्यालय नवीनतम आविष्कार की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। बीएयू जल्द ही देश की अग्रणी दवा निर्माता कंपनी के साथ मिलकर बौद्धिक संपदा तथा पेटेंट की तकनीकी हंस्तान्तरण हेतु प्रारूप तैयार करेगा, ताकि बीएयू के इस नवीनतम अनुसंधान तकनीकी का लाभ आम व्यक्ति तक पहुंच सके।