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रांची: हुटुप गौशाला में गो माता को समर्पित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन वृंदावन से आये पंडित नीरज कृष्ण शस्त्री ने भगवान के अवतारों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान के समस्त अवतार मानवों के हित में होता है। सज्जनों की रक्षा और धर्म का अभ्युत्थान हो यही अवतार का उद्देश्य है।
श्रीमद्भागवत कथा में सूत शौनक संवाद के अंतर्गत शौनक जी ने सूत से 6 प्रश्न किए। उन्होंने मानव का कल्याण कैसे हो?, संपूर्ण शास्त्रों का सार क्या है?, भगवान अवतार क्यों लेते हैं?, अवतार कितने हैं?, कर्म क्या है? और धर्म किसकी शरण में गया? में सवाल पुछे। जिसके उत्तर में सूतजी ने कल्याण के सरलतम रूप भगवद्श रणागति को बताया। इसका कथा का आयोजन श्री गोपीकृष्ण सेवा संस्थान के तत्वावधान में किया गया है। यह कथा 18 मार्च तक दोपहर 3 बजे से सायं 6 बजे तक चलेगा।
संस्था की ज्योति कुमारी ने बताया कि कथा का श्रवण करने के लिए प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। इस अवसर पर मीरा अग्रवाल, ज्योति कुमारी, राजेश चौधरी, सुरेश धरनीधर, श्रवण घन्नय आदि उपस्थित थे।