रांची: आईसीएआर – राष्ट्रीय द्वितीयक कृषि संस्थान, नामकुम द्वारा आयोजित दो दिवसीय किसान मेला में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने मोटे अनाज (मिलेट) प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित किया. मेले में बीएयू द्वारा लगाये गये स्टाल का गुरुवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने खिजरी विधायक राजेश कच्छप संग अवलोकन किया. इस अवसर पर कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने झारखंड में मिलेट फसलों की स्थिति एवं संभावना तथा बीएयू द्वारा विकसित मड़ुआ एवं गुंदली के उन्नत प्रभेद की जानकारी दी.
कृषि मंत्री एवं खिजरी विधयक ने बीएयू स्टाल में प्रदर्शित मोटे अनाजों में मड़ुआ, गुंदली, कोदो, ज्वार एवं बाजरा की उन्नत प्रौद्योगिकी एवं ऊनके पोषक गुण तथा मोटे अनाजों से प्रसंस्कृत उत्पादों जैसे – बिस्किट, कुकीज, गुजिया, लड्डू, बालूशाही, बर्फी, केक, पास्ता, अनारसा एवं मैकरोनी अवलोकन किया. कृषि मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष, 2023 में बीएयू द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की और बीएयू के कार्यो की सराहना की.
मौके पर मिलेट फसल विशेषज्ञ डॉ अरुण कुमार ने बताया कि मिलेट फसलों में चावल, गेहूं, मक्का आदि की तुलना में प्रोटीन, आयरन और खनिज तत्व जैसे पोषक तत्व अधिक होते उपलब्ध हैं. वर्षापात में कमी, सुखाड़ एवं प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी मिलेट फसलों की खेती से कम लागत में बढ़िया उपज और प्रसंस्करण से बढ़िया लाभ ली जा सकती है.
मेला में मिलेट फसल की प्रौद्योगिकी और उसके उत्पादों के प्रति किसानों में विशेष लगाव एवं रूचि देखी गयी. बीएयू के अनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग द्वारा लगाये गये इस स्टाल में डॉ सीएस महतो, डॉ योगेश कुमार एवं डॉ नरेश यादव ने किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया.