भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के 127वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए इस वर्ष के छठ उत्सव को एक विशेष दृष्टिकोण से देखा। उन्होंने कहा कि यह महापर्व सामाजिक समरसता, प्रकृति-भक्ति और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “जहाँ-जहाँ छठ घाट सजते हैं, वहाँ-वहाँ समाज के विविध हिस्से एक साथ जुटते हैं — यही भारत की असली शक्ति है।” उन्होंने विशेष रूप से बिहार, झारखंड एवं पूर्वांचल के लोगों को छठ की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने 21 अक्टूबर को देशवासियों को लिखा गया एक पत्र काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया पाया है। इसके साथ-साथ उन्होंने देश में स्वदेशी वस्तुओं की खरीद-बढ़ोतरी का स्वागत किया और कहा कि जनता ने इस दिशा में अच्छा भाग लिया है।
मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने यह भी भन्दै उठाया कि समाज में सहयोग-भावना, पर्यावरण-संवर्धन और सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करना आज की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि “यदि नियत साफ है और प्रयास वास्तविक हैं, तो कोई लक्ष्य कठिन नहीं रहता।”
इस प्रकार, इस एपिसोड में प्रधानमंत्री ने छठ उत्सव की सांस्कृतिक महत्ता के साथ-साथ समाज-प्रेरित विचारों पर प्रकाश डाला और देश के नागरिकों को आगे आने तथा सकारात्मक भूमिका निभाने का आहवान किया।


