भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह वॉशिंगटन में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में शामिल नहीं होंगी। यह निर्णय भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनावों के बीच लिया गया है, विशेषकर रूस से तेल खरीद को लेकर जारी विवाद के कारण।
सीतारमण की अनुपस्थिति के बावजूद, भारत का प्रतिनिधिमंडल इन बैठकों में भाग लेगा। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई वित्त मंत्रालय की आर्थिक मामलों की सचिव अनुराधा ठाकुर करेंगी, और इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा तथा मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन भी शामिल होंगे।
यह कदम अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक के शुल्क लगाने के बाद उठाया गया है, जिसमें रूस से तेल खरीद पर 25% का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। इस शुल्क नीति को भारत ने “अन्यायपूर्ण और अनुचित” बताया है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल इन बैठकों के दौरान ब्रिक्स, जी-20, और जी-24 समूहों की बैठकों में भाग लेगा, जो वैश्विक आर्थिक स्थिरता और विकासशील देशों के मुद्दों पर केंद्रित हैं। इसके अतिरिक्त, भारत की ओर से IMF की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स बैठक में भी भागीदारी होगी, जो संस्था का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।
यह निर्णय भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव को दर्शाता है, और दोनों देशों के बीच जारी वार्ता के बीच एक महत्वपूर्ण संकेत है।