रांची के पूर्व उपायुक्त एवं झारखंड कैडर के IAS अधिकारी छवि रंजन को सेना भूमि घोटाले तथा मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों की जांच में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है जिनमें कहा गया है कि छवि रंजन ने फर्जी बैनामीय रिकॉर्ड तैयार कराने के लिए सहयोग दिया था ताकि आरोपियों को ऋण सुविधा दिलाई जा सके। इसके चलते उन पर आरोप हैं कि उन्होंने रिकॉर्डों में कट-छाट में मदद की, जिससे कथित भूमि घोटाले को अंजाम देना संभव हुआ।
रंजन को 4 मई 2023 को गिरफ्तार किया गया था, और तब से वह न्यायिक हिरासत में थे। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते समय यह ध्यान रखा कि अब तक मामले में 31 गवाहों में से 5 की सुनवाई हो चुकी है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी पर आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं पाई गई है।
न्यायालय की बेंच (न्यायमूर्ति सूर्य कांत एवं न्यायमूर्ति N. कोटिस्वर सिंह) ने जमानत को कुछ शर्तों से जोड़ते हुए कहा कि रंजन झारखंड राज्य से बाहर नहीं जा सकते, उन्हें व्यक्तिगत जमानत जमा करनी होगी, और सुनवाई की हर तिथि पर उपस्थित रहना अनिवार्य रहेगा। यदि वे गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों में छेड़छाड़ करने की कोशिश करेंगे तो उनकी जमानत रद्द की जाएगी।
इस आदेश से छवि रंजन को राहत मिली है, लेकिन आरोपों की गंभीरता और प्रमाणों की समीक्षा अब भी न्यायालय के समक्ष प्राथमिक विषय बनी हुई है।