झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण चौकीदारों की भर्ती बीट स्तर पर नहीं होगी, बल्कि जिला स्तर पर की जाए। इसके अतिरिक्त, नियुक्ति, पदस्थापन और ट्रांसफर संबंधी निर्णयों में जिला स्तर की व्यवस्था लागू होगी।
कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच — जिसमें चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर शामिल हैं — ने कोडरमा जिले के उपायुक्त द्वारा प्रारंभ की गई भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया।
कोर्ट ने यह भी कहा कि झारखंड चौकीदार कैडर नियमावली 2015 में वर्णित “यथासंभव” और “सामान्यतः जैसे” जैसे शब्द यह संकेत देते हैं कि बीट स्तर पर नियुक्ति अनिवार्य नहीं है। यदि नियुक्ति बीटवार की जाए, तो आरक्षण प्रणाली को लागू करना संभव नहीं रहेगा।
याचिकाकारों ने यह तर्क दिया था कि भर्ती विज्ञापन में स्पष्ट किया गया था कि केवल संबंधित बीट के निवासियों को ही नियुक्ति मिलेगी और प्रक्रिया बीटवार होनी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और कहा कि ऐसी व्यवस्था नियमों के अनुरूप नहीं है।
भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक अन्य विवाद कट-ऑफ नंबर अर्थात् न्यूनतम 30% अंक को लेकर भी था। याचिकाकर्ताओं का दावा था कि जो अभ्यर्थी 30 % से अधिक अंक लायें, उन्हें शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया जाना चाहिए। इस दलील को भी कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि चयन प्राधिकरण को कट-ऑफ निर्धारित करने का अधिकार है।
इस प्रकार, कोर्ट ने सभी याचिकाओं को नामंजूर करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि जिला स्तर पर ही चौकीदारों की नियुक्ति होगी और प्रक्रिया में मान्यता प्राप्त नियम व आरक्षण व्यवस्था का पालन कराया जाना चाहिए।