बिहार की मंत्रिमंडल बैठक में एक बड़ा आर्थिक और शैक्षिक निर्णय लिया गया है। 129 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें स्कूली छात्रवृत्ति के लिए 3 अरब (300 करोड़ रुपये) की राशि स्वीकृत की गई है।
प्रस्तावों की स्वीकृति के तहत सबसे महत्वपूर्ण कदमों में शामिल हैं:
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पहली से दसवीं तक की कक्षाओं के छात्रों की छात्रवृत्ति राशि बढ़ाना
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सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को 3% तक बढ़ाना
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संविदागत एएनएम (Auxiliary Nurse Midwife) कर्मियों का मानदेय बढ़ाना
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फिल्म एवं नाट्य संस्थानों की स्थापना
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विभिन्न भूमि अधिग्रहण प्रस्तावों की स्वीकृति — जैसे भागलपुर में हवाई अड्डा निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और सहरसा हवाई अड्डे के रनवे विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण स्वीकृत किए गए
शिक्षा विभाग से यह जानकारी मिली है कि छात्रवृत्ति की बढ़ी हुई राशि से लगभग डेढ़ करोड़ (1.5 करोड़) छात्र-छात्राओं को फायदा मिलेगा। उदाहरणतः: कक्षा 1–4 की छात्रवृत्ति राशि पहले ₹600 थी, जिसे अब ₹1,200 किया गया है; कक्षा 5–6 के लिए ₹1,200 → ₹2,400; कक्षा 7–10 के लिए ₹1,800 → ₹3,600 कर दी गई है।
सरकार का यह कदम आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा में सहयोग देने और शिक्षा की पहुंच बढ़ाने का प्रयास बताया जा रहा है।
चुनावी वर्ष को देखते हुए इस तरह के कदम राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। “Birsa Bhumi” के पाठकों के लिए यह खबर प्रस्तुत की जाती है।