भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की आर्थिक विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। पहले यह अनुमान 6.5% था। इस वृद्धि का मुख्य कारण जीएसटी दरों में कटौती और बेहतर मानसून के कारण घरेलू मांग में सुधार है।
इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर का अनुमान भी घटाकर 2.6% कर दिया है, जो पहले 3.7% था। यह बदलाव उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है, क्योंकि इससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में स्थिरता आएगी।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद यह जानकारी दी कि रेपो रेट को 5.5% पर अपरिवर्तित रखा गया है। इसका मतलब है कि बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों की ब्याज दरों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
हालांकि, आरबीआई ने चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए टैरिफ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर पर दबाव पड़ सकता है। फिर भी, कृषि क्षेत्र में अच्छी बुवाई और सेवा क्षेत्र में सुधार से रोजगार में वृद्धि और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
कुल मिलाकर, आरबीआई की यह रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है, जो आगामी महीनों में स्थिरता और विकास की ओर इशारा करती है।