बिरसा भूमि लाइव
गुमला: उपायुक्त सुशांत गौरव के निर्देशानुसार कुछ दिनों पूर्व जिले में दिव्यांग अधिकार नियम 2016 के अंतर्गत निशक्तता के 21 प्रकार एवं उनके पहचान के लक्षण से संबंधित सर्वे किया गया था जिसके तहत जिले के 18000 से अधिक दिव्यांगों को चिन्हित किया गया। सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए कई प्रकार की योजनाएं है जिससे दिव्यांगों की आर्थिक स्थिति में सहायता करने के साथ साथ उन्हे कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती है। जिला समाज कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में लगभग 10,000 दिव्यांगों के बीच दिव्यांग प्रमाण पत्र का वितरण किया जा चुका है, आगे भी प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही सभी दिव्यांग प्रमाण पत्र धारी जो 40 फीसदी या इससे अधिक के दिव्यांगता वाले लोगों को प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष 60 से अधिक दिव्यांगो के बीच उनके आवश्यकता अनुसार विभिन्न दिव्यांग यंत्र (ट्राइसाइकिल आदि) का वितरण किया गया है। दिव्यांगों द्वारा दिए जाने वाले आवेदनों के अनुसार उनके बीच आवश्यक यंत्रों का वितरण किया जाता है।
जिले में प्रखंड स्तरीय दिव्यांग शिविर का किया जा रहा है आयोजन : उपायुक्त सुशांत गौरव के निर्देशानुसार जिले के सभी दिव्यांगों को सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने हेतु पहल की जा रही है। पूर्व में हुए सर्वे के उपरांत छुटे हुए दिव्यांगों को चिन्हित करते हुए सरकारी लाभ देने हेतु प्रखंड स्तरीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अब तक जिले के गुमला, चैनपुर, डुमरी, घाघरा, रायडीह एवं विशुनपुर प्रखंड में शिविर का अयोजन किया जा चुका है। आयोजित शिविर में गुमला में 28 दिव्यांगों का निबंधन किया गया जिसमें से 23 को दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है तथा 5 दिव्यांगों का इलाज करवाया जा रहा है, वहीं रायडीह में 66 निबंधित दिव्यांगों में से 50 को प्रमाण पत्र एवं 16 दिव्यंगो को इलाज करवाने हेतु रेफर किया गया है।
इसी क्रम में चैनपुर में आयोजित शिविर में 76 दिव्यांगों को दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया । डुमरी में सर्वाधिक 157 दिव्यांगो का निबंधन कराते हुए 109 को दिवायंग प्रमाण पत्र दिया गया वहीं शेष बचे दिव्यांगों का इलाज करवाए जा रहें है। 17 मार्च को घाघरा में आयोजित शिविर में 150 दिव्यांगो ने अपना निबंधन करवाया 104 दिव्यांगों को ऑन द स्पॉट दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया गया वहीं शेष बचे 46 दिव्यांग जनों को इलाज हेतु रेफर किया गया। इस शिविर में कुष्ठ रोग, चलन निः शक्त्ता, मांसपेशी दुर्विकास से संबंधित दिव्यांग जन शामिल हुए।
25 फरवरी 2023 से प्रारंभ इस शिविर का अयोजन अप्रैल माह तक विभिन्न प्रखंडों में किया जाएगा। आगामी 23 मार्च , 27 मार्च, 03 अप्रैल, 10 अप्रैल, 13 अप्रैल तथा 17 अप्रैल को क्रमशः विशुनपुर , सिसई, भरनो, पालकोट,बसिया, कामडारा में उक्त शिविर का अयोजन किए जाने हेतु तिथि निर्धारित है। आयोजित शिविरों में विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं टीम के द्वारा कैंप दिव्यांगों की जांच की जा रही है।
अप्रैल माह के अंत तक जिले के शत प्रतिशत दिव्यांगों को दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत कराने का है लक्ष्य: एसडीओ सदर
उक्त शिविर हेतु नोडल पदाधिकारी एसडीओ सदर रवि जैन द्वारा शिविर को बेहतरीन रूप से मॉनिटर किया जा रहा है। एसडीओ सदर ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार पहली बार जिले में इस प्रकार के शिविर का आयोजन किया जा रहा है, अब तक के चिन्हित सभी दिव्यांगो को ऑन द स्पॉट दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, साथ ही दिव्यांगों के इलाज हेतु सहायता राशि भी दी जा रही है। इसके अलावा अप्रैल माह तक जिले के सभी 12 प्रखंडों में इस शिविर का आयोजन करते हुए जिले के शत प्रतिशत दिव्यांगों को चिन्हित कर उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने अधिक से अधिक दिव्यांगों को अपना दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की अपील की।
क्यों है दिव्यांग प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण? दिव्यांगों को क्या मिलेगा लाभ? : जिन दिव्यांगों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्र है उन्हे झारखण्ड सरकार द्वारा झारखण्ड विकलांग पेंशन योजना के तहत झारखंड के 40 फीसदी या इससे अधिक के विकलांगता और दिव्यांगता वाले लोगों को राज्य सरकार प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। दिव्यांग छात्रों को पढ़ने हेतु 50 हजार रुपये तक की राशि एकमुस्त आर्थिक अनुदान प्रदान की जाएगी। दिव्यांगों को उनके आवश्यकता अनुसार यंत्र व उपकरण हेतु 15 हजार रुपये प्रदान की जाएगी।एकल दिव्यांग व थैलेसिमिया से ग्रसित जिन्हें प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना या अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता है उन्हें रोजगार सृजन के लिए 50 हजार रुपये तक की आर्थिक अनुदान दिया जायेगा।
दिव्यांगों के स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के लिए एक लाख रुपये की राशि आर्थिक अनुदान राशि दी जा सकती है। वहीं मानसिक व बौद्धिक दिव्यांग के अभिभावक को जिन्हें पीएम रोजगार गारंटी या अन्य सरकारी लाभ नहीं मिलता उन्हें स्वरोजगार के लिए 50 हजार रुपये अनुदान में दिया जायेगा। खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग व इनके समूह को जिला खेल पदाधिकारी की अनुशंसा पर प्रशिक्षण एवं उपकरण के लिए 50 हजार रुपये की राशि एकमुस्त अनुदान में दी जायेगी। आवश्यकतानुसार किसी अन्य कोटि के आवेदन पर भी विचार कर सहायता अनुदान दिया जा सकता है।